इस ग्रन्थ में मानव जीवन का लक्ष्य, आदर्श, अनुकरण, पात्रता, एकाग्रता, पुरुषार्थ, परोपकार, नास्तिकता, लौकिक-आध्यात्मिक भेद, योगी, एषणा, स्व-स्वामी सम्बन्ध, सत्य-असत्य, वाणी का सदुपयोग, क्रियात्मक योगाभ्यास, योगाभ्यासी के कर्तव्य, साधक...
ब्रह्मविद्या सीखने की पद्धति, ब्रह्मविद्या की स्वरूप, ब्रहमप्राप्ति से साधन- उपसाधन- विधि आदि, अष्टांग योग, कर्म-कर्मफल, उपासना, आत्मनिरीक्षण, ईश्वर, आत्मा आदि के स्वरूप तथा ज्ञान- कर्म- उपासना संबन्धित विस्तृत सुव्यवस्थित सचित्�...
अध्यात्म मार्ग में शीघ्र उन्नति करने हेतु आत्मनिरीक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है । आत्मनिरीक्षण क्या है ? आत्मनिरीक्षण कितने प्रकार के हैं ? आत्मनिरीक्षण के पूर्व कैसी तैयारी करनी चाहिये ? आत्मनिरीक्षण करने से लाभ ? और न करने से हान�...
स्वामी विवेकानंद जी विभिन्न सामाजिक, आध्यात्मिक जिज्ञासाओं एवं शंकाओं का तर्क एवं प्राचीन प्रज्ञा स्रोत वेद, उपनिषद तथा दर्शन ग्रंथ आदि शास्त्रों का प्रमाणों सहित समाधान, फ़ेसबुक के माध्यम से नियमित रूप से कर रहे हैं । जिससे हजा�...