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Format ebook
Author आचार्य ज्ञानेश्वर जी आर्य
Writer Name आचार्य ज्ञानेश्वर जी आर्य
Publisher Name वानप्रस्थ साधक आश्रम रोजड
Language Hindi
No. of Pages 32

Description

प्रस्तुत लघु पुस्तिका में न्यायदर्शन की ‘पंचावयव’ प्रक्रिया से नास्तिक और आस्तिक के पाँच संवादों द्वारा ईश्वर के सच्चे स्वरूप का अत्यंत सरल एवं रोचक ढंग से परिचय कराया गया है। आज देश में हजारों मत, पंथ, सम्प्रदायों के द्वारा ईश्वर, धर्म, पूजा, उपासना, कर्मकाण्ड का ऐसा विकृत तथा अवैज्ञानिक स्वरूप फैलाया गया है कि जिसके कारण अधिकांश मनुष्यों के विचारों और व्यवहारों में नास्तिकता की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। इस अविद्या रूपी अन्धकार को दूर करने में यह लघु पुस्तिका दीपक का कार्य करेगी।

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