Format | Hardcopy |
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Author | स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक |
Editor / Translator Name | डॉ राधावल्लभ जी चौधरी |
Writer Name | स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक |
Publisher Name | DARSHAN YOG DHARMARTH TRUST (ROJAD) |
Language | Hindi |
No. of Pages | 124 |
SKU | H014 |
Size | 13CM X 11CM |
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स्वाध्याय संशय व मोह को दूर करने, मनुष्य के जीवन की निराशा हताशा की घड़ी मे सांत्वना ऑर सहारा प्रदान करके हताशा के गहरे अंधकार से बाहर निकालने वाले वचनों वर्णन है।